20 फ़रवरी 2010

Hindi Novel - Fiction - ELove - CH 26 प्रथम पुरस्कार

अनघा जैसे ही स्टेज से नीचे उतरकर अपने जगह पर वापस आ गयी ऍन्कर ने फिर से माईक पर कब्जा कर लिया था ,

'' अब आखिर में हम जिस पल का इतनी बेसब्री से राह देख रहे है वह पल एकदम नजदिक आ पहुंचा है ... पहला पुरस्कार ऐलान करने का पल ... इन फॅक्ट मै अपने आपको बडा भाग्यशाली समझता हूं की पहला पुरस्कार किसको जानेवाला है यह ऐलान करने का सौभाग्य मुझे मिल रहा है ... क्योंकी वह प्रतिस्पर्धी सारे भारत में एक अव्वल प्रतिस्पर्धी रहनेवाला है ... तो पहले देखते है की वह प्रथम पुरस्कार क्या है ... प्रथम पुरस्कार है 3 लाख रुपए कॅश, मोमेंटो ऍन्ड अ जॉब ऑफर इन नेट सेक्यूरा... ''

सब लोग शांत होकर सुन रहे थे। मानो उस पलके लिए उन्होने अपनी सांसे रोककर रखी थी। बहुत लोग अपनी गर्दन उंची कर सामने देखने की कोशीश कर रहे थे। हॉलमें सब तरफ पिनड्रॉप सायलेन्स था ....

'' फर्स्ट प्राईज गोज टू ... द वन ऍन्ड ओन्ली वन... मि. अतुल बिश्वास फ्रॉम चेन्नई ...''

दूसरी कतार विचलित हूई दिखी, क्योंकी दूसरी कतार से कोई उठा था। सब लोगों के सर उस दिशामें मुड गए। इस बार हॉल में सबसे बडा और सबसे दिर्घ तालियों का आवाज हुआ। सचमुच उसका यश उसके नामके अनुरुप 'अतुल' यानी की अतुलनीय था। वह उठकर लगभग दौडते हूए ही स्टेजपर चला गया, इससे उसका अपूर्व उत्साह और आत्मविश्वास दिख रहा था। गोरा, उंचा, स्मार्ट, कसा हुआ शरीर ऐसा वह सशक्त युवक था। अंजली ने अपनी दिशा में आते उस पहले पुरस्कार के हकदार की तरफ देखा। उसके चेहरे पर एक तेज चमक रहा था। आंखे निली और चमकीली थी। उसकी आखों में देखकर पलभर के लिए अंजली कि विवेक की याद आ गई। लेकिन अपने विचारों को दिमाग से झटककर वह आगे गई। वह अंजली के सामने आकर खडा हो गया और उसने लोगों की तरफ मुडकर उनको अभिवादन किया। पहले की तालियों की आवाज जो अब भी बरकरार थी वह और बढ गयी। लोगों को अभिवादन कर उसने अंजली की तरफ देखा और उसकी नजर अंजली पर से हटने का नाम नही ले रही थी, मानो वह उसके मदहोश करने वाली आंखो में अटक सा गया था। तालियों की गुंज अब भी चल रही थी। लेकिन अचानक एक अजिब घटना घटी, अंजली ने जितने जोर से हो सकता है उतनी जोर से उसके गाल पर एक चाटा जड दिया था। तब कहा वो होश में आ गया। हॉल में चल रहा तालियों का आवाज एकदम से बंद हो गया , मानो किसी ne स्विच ऑफ किया हो। उसने और वहां उपस्थित किसी ने भी सोचा नही होगा वैसी अजिब वह घटना थी। हां अंजली ने उसके गाल पर एक जोर का चाटा जमा दिया था। उसका ही क्यों सारे उपस्थित लोगों को इस बातपर यकिन नही हो रहा था। हॉल में एकदम श्मशानवत चुप्पी फैल गई॥ एकदम पिनड्रॉप सायलेन्स।

'' yes I slapped him... And he deserve it... क्योंकी वह एक क्रॅकर है ... सिर्फ क्रोकर ही नही तो he is also a blacemailer...'' हॉल में चुप्पी का भंग हुआ वह अंजली के इन शब्दो ने ।

अंजली लगातार बोल रही थी। उसकी आँखों में आग थी। गुस्से से अंजली का पूरा शरीर कांप रहा था। तभी इन्स्पेक्टर कंवलजीत, जो पहले से ही तैयार थे, वे डायसपर दो कॉन्स्टेबल के साथ आ गए। उन्होने प्रथम अतुल कि कॉलर पकडकर दो तिन तमाचे उसके कान के नीचे जड दिए।

'' इन्स्पेक्टर '' अतूल गुर्राया।

उसके मासूम, स्मार्ट चेहरे ने अब उग्र रुप धारण किया था। उसे जडाए हुए तमाचों की वजह से लाल हुआ उसका चेहरा और भी भयानक लग रहा था। इन्स्पेक्टरने ने ज्यादा वक्त ना दौडाते हुए उसे हथकडीयां पहनाकर अरेस्ट किया और वे गुस्से से चिल्लाए, '' take this basterd away...''

कॉन्स्टेबल उसे लेकर, लगभग खिंचते हुए ही वहां से चले गए। उसका मद और नशा अब भी उतरा हुआ नही दिखाई दे रहा था। वह वहां से जाते हूए कभी गुस्से से इन्स्पेक्टर की तरफ तो कभी अंजली की तरफ देख रहा था।

याद रखो मुझे अरेस्ट करना तुम्हे बहुत महंगा पडने वाला है '' जाते जाते वह चिल्लाया।