20 फ़रवरी 2010

Hindi books - Upanyas - ELove - CH-27 कहानी

कॉन्स्टेबल जब अतुल को वहां से ले गया और अतुल सब लोगों के नजरों से ओझल हुआ तब कहां इतनी देर से हक्का बक्का रहे लोगों मे खुसुर फुसुर शुरु हो गई। कुछ लोग अब भी डरे, सहमे और सदमे मे थे, तो कुछ लोगों को यह सब क्या हो रहा है कुछ समझ नही आ रहा था। प्रथम पुरस्कार जिसे मिला उस लडके को अचानक अंजली ने मारा और इन्स्पेक्टर ने डायस पर आकर उसे गिरफ्तार किया। सब कुछ कैसे लोगों के समझ के बाहर था। लोगों में चल रही खुसुर फुसुर देखकर इन्स्पेक्टर ने ताड लिया की लोगों को पूरा केस और उसकी गंभिरता समझाना जरुरी है, नही तो लोग और गडबडी मचा सकते है। क्योंकी अतुल जो कुछ पल पहले ही सब लोगों का हीरो था उसे अंजली ने अगले ही पल उसे व्हिलन करार दिया था। लोगों को वह सच्चा या अंजली सच्ची यह जानने की उत्कंठा होना भी लाजमी था।

'' शांत हो जाईए ... शांत हो जाईए प्लीज...'' इन्स्पेक्टर हाथ उपर कर, जो कुछ लोग उठ खडे हूए थे उन्हे बिठाते हूए बोले, '' कोई डरने की या घबराने की कोई जरुरत नही...This is a case of Blackmailing and Cyber crime... मैने खुद इस केस पर काम किया है ... और इस केस का गुनाहगार के तौर पर अभी अभी आपके सामने अतुल सरकार को पकडा गया है ...''

फिर भी लोग शांत होने के लिए तैयार नही थे, तब ऍन्कर ने फिर से माईक का कब्जा लिया, '' दोस्तो शांत हो जाईए ॥ प्लीज शांत हो जाईए .. हमारी प्रतिस्पर्धा भी इथीकल हॅकींग ... यानी की हॅकिंग के बारे मे ही थी... और इन्स्पेक्टर ने अभी आप लोगों के सामने हॅन्डल की केस भी हॅकींग और क्रॅकींग के बारे में ही थी .. इसलिए इन्स्पेक्टर साहेब को मेरी बिनती है की वे इस केस के बारे में... उन्होने यह केस कैसे हॅन्डल की... यह केस हॅन्डल करते वक्त किन किन चुनौतीयों का सामना उन्हे करना पडा... और आखिर वह गुनाहगार तक कैसे पहुंचे ... यह सब यहां इकठ्ठा हूए लोगों को विस्तार से बतायें ...''

अब कहा लोग फिर से शांत हो चुके थे। यह केस क्या है? ... और इन्स्पेक्टर ने उसे कैसे हॅन्डल किया॥ यह जानने की लोगों में उत्सुकता दिखने लगी। एन्कर ने एक बार फिर से इन्स्पेक्टर की तरफ देखा और उन्हे आगे आकर पूरी कहानी बयां करने की बिनती की। इन्स्पेक्टर ने अंजली की तरफ देखा। अंजली ने आखों से ही इजाजत दे दी। इन्स्पेक्टर सामने आये और उन्होने माईक ऍन्कर से अपने पास ले लिया।

इन्स्पेक्टर कहानी कथन करने लगे -

'' सायबर क्राईम यह अब भारत में नया नही रहा है ... आजकल पूरे देश में लगभग रोज कुछ ना कुछ सायबर क्राईम की घटनाएं घटीत होती रहती है .... लेकिन तहकिकात करते वक्त मुझे हमेशा इस बात का अहसास होता है की लोगों की सायबर क्राइम के बारें मे बहुत गलतफहमीयां है ... जितनी उनकी सायबर क्राईम के बारे में गलतफहमीयां है उतना ही उनका अपने देश के पुलिस डिपार्टमेंट पर भरोसा उडा हुआ दिखाई देता है ... उन्हे हमेशा आशंका लगी रहती है की यह टोपी और डंडे लेकर घुमने वाले पुलिस यह इतना ऍडव्हान्स... यह इतना टेक्नीकल क्राईम कैसे हॅन्डल कर सकते है? ... उन्हे सायबर क्राईम के बारे में अपना पुलिस डिपार्टमेंट कितना सक्षम है इसके बारे में आशंकाए लगी रहती है। ... लेकिन अब अभी अभी मैने हॅन्डल किए केस के जरीए मै लोगों को यकिन दिलाना चाहता हूं की ... सायबर क्राईम के बारे में अपना पोलीस डीपार्टमेंट सिर्फ सक्षम ही नही पूरी तरह से तैयार है ... इस तरह का या और किसी तरह का गुनाह होने के बाद जिस कार्य क्षमता से हम दुसरे गुनाहगारों को तुरंत पकड सकते है उसी कार्यक्षमता से हम सायबर क्रिमीनल्स को भी पकड सकते है.... लेकिन फिर भी कुछ चिजों के बारें मे हम गुनाह हॅन्डल करते वक्त कम पडते है ... खासकर जब उस गुनाह को दूसरे किसी देश के जमीन से अंजाम दिया जाता है तब... उस केस में वह गुनाहगार किसी दूसरे देश के कानून के कार्य क्षेत्र में आता है ... और फिर वह देश हमें उस गुनाह के बारे में उस गुनाहगार को पकडने के लिए कितना सहकार्य करते है इस पर सब निर्भर करता है.... सायबर गुनाह के बारे में और एक महत्वपूर्ण बात... इसमें इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले लोगों को कुछ चिजों मे बहुत ही जागरुक होना आवश्यक होता है ॥ जैसे किसी को, उस सामने के पार्टी की पूरी जानकारी रहे बिना खुदकी जानकारी ... ... पासवर्ड ॥ फोन ... मोबाईल देना बहुत ही खतरनाक होता है ... वैसे अनसेफ, अनप्रोटेक्टेड, अनसेक्यूअर कनेक्शनपर फायनांसीयल ट्रान्झेक्शन करना ... अपने खुद के प्रायव्हेट फोटो इंटरनेट पर भेजना ... इत्यादी... यह भी खतरे से खाली नही है... अब मै यह जो केस विस्तारपूर्वक बताने वाला हूं ... इससे आपको किस तरह जागरुक रहना पडेगा इसका अंदाजा आ जाएगा ...''

इतनी प्रस्तावना देकर इन्स्पेक्टर अतुल के केस के बारें मे बताने लगे ...