प्रिय निखिल,
हमारी शादी को नौ बरस बीत गए हैं। हमारे पास सब कुछ है- बच्चे, गाड़ी, बंगला और अच्छी आमदनी। फिर भी मैं खुश नहीं हूँ। कुछ है जो हमारे रिश्तों के बीच से गायब है, वह क्या है?
तुम खुद ही समझ जाओ, इस इंतजार में मैंने सालों गुजार दिए हैं, लेकिन अब मैं समझती हूँ कि और प्रतीक्षा करना बेकार रहेगा। इसलिए मैं खुद ही तुम्हें बताती हूँ कि आखिर एक विवाहित महिला क्या चाहती है? यह बात मैं तुमसे जबानी भी कह सकती थी, लेकिन मैं समझती हूँ कि लिखित बात अधिक प्रभावी होती है और इसे तुम तसल्ली से पढ़कर मेरी ख्वाहिश के प्रति सकारात्मक रुख अपना सकते हो।
तुम्हें याद होगा कि कोई तीन माह पहले मैंने तुमसे सवाल किया था कि क्या तुम्हें मुझसे प्यार है? इस पर तुम्हारा जवाब था, तुमसे शादी करने का अर्थ ही यह है कि मैं तुमसे प्यार करता हूँ। वैसे भी यह बात मैंने तुम्हें शादी के बाद ही बता दी थी। तुम्हारे इस जवाब से ही जाहिर है कि तुम अभी तक यह नहीं समझ पाए हो कि एक औरत आखिर चाहती क्या है? तो इसलिए सुनो- हम विवाहित महिलाएँ चाहती हैं कि हमारे पति निरंतर अपने इश्क का इजहार करते रही। हमें किसी पुष्टि की भी जरूरत नहीं है। इसके लिए हम सिर्फ यह अहसास करना चाहती हैं कि अगर मौका पड़ा तो हमारे पति फिर से भी हमीं से शादी करना चाहेंगे।
तुमने जो जवाब दिया था उस पर मैं यह कहना चाहती हूँ कि जिस तरह एक विधायक या सांसद फिर से चुने जाने के लिए अपने मतदाताओं का निरंतर ख्याल रखता है उसी तरह से एक पति को भी अपनी पत्नी का ख्याल रखना चाहिए। इसका अर्थ यह नहीं है कि तुम दिन निकलते ही या साँझ ढले आई लव यू कहो या फिर वेलेन्टाइन-डे पर चॉकलेट से भरा डिब्बा मुझे पेश करो।
तुम्हारा यह सवाल स्वाभाविक होगा कि यह नहीं तो फिर वूइंग (प्रणय निवेदन करना) के तौर पर महिलाएँ क्या चाहती हैं? हर औरत चाहती है रोमांटिक सरप्राइज। काश! कभी ऐसा हो कि मैं अपने जन्मदिन पर सो रही हूँ और तुम मुझे बिना बताए किचन में व्यस्त रहो। मैं जब आँखें खोलूँ तो तुम अपने द्वारा बनाए गए केक को मेरे सामने रखकर कहो- हैप्पी बर्थ डे। या फिर हमारी शादी की सालगिरह हो, तुम मुझे एक सुंदर सा गुलदान देते हुए कहो- यह वह गुलदान है जिसे मैं तुम्हारे लिए शादी की हर सालगिरह पर फूलों से भरा करूँगा। या कभी तुम मुझे एक रोमांटिक इंडोर पिकनिक से सरप्राइज कर दो, जो कंबल और मोमबत्तियों से पूर्ण हो और तुम खाने में मेरी पसंदीदा कढ़ाई-प्लेट डिश को ऑर्डर करना न भूले हो।
मैं जानती हूँ कि शादी के बाद पत्नी को रिझाना या पटाना थोड़ा-सा मुश्किल जान पड़ता है। शादी से पहले डेटिंग के दौरान हम सभी क्लोज-अप की मुस्कान और दफ्तर के एक्जिक्यूटिव के से तौर-तरीके लिए होते हैं। साथ ही योजनाओं में बाधा डालने के लिए बच्चे भी नहीं होते। पानी और बिजली के बिल और कार लोन की किस्तें भी दरमियान में नहीं होंती। लेकिन इन हालात के बावजूद जब पति अपनी पत्नी को वू करता है तो वह इस जानकारी के साथ करता है कि बिना मेकअप के सुबह दाँत साफ करती हुई उसकी पत्नी कैसी दिखाई देती है। जाहिर है कोई सुंदर दृश्य नहीं होता। इसलिए शादी के बाद की वूइंग हम महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
मेरी एक सहेली है, वह जब दफ्तर के लिए निकलती है तो उसका पति दरवाजे पर छाता पकड़ाना नहीं भूलता ताकि वह अपने आपको धूप से बचा सके। यह कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन इससे पता चलता है कि उसका पति उसकी जरूरतों का कितना ख्याल रखता है। निखिल, क्या मेरी हसरतें एक टूटा हुआ सा ख्वाब ही बनकर रह जाएँगी? अगर नहीं तो कुछ नए अंदाज से मुझे कभी वू करो ताकि मुझे अहसास हो जाए कि तुम मेरी परवाह करते हो और हमारा रोमांस हमारे वैवाहिक जीवन में भी जारी रहे। इस उम्मीद के साथ कि तुम मेरी इन बातों पर गौर करोगे, तुम्हें हमेशा प्यार करने वाली, तुम्हारी रेखा।
14 फ़रवरी 2010
एक पत्र प्रेम की खातिर
Labels: प्रेम गुरु
Posted by Udit bhargava at 2/14/2010 09:14:00 am
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