15 फ़रवरी 2010

पसीने की दुर्गन्ध से बचाव

जड़ी-बूटी द्वारा संभव है उपचार



इन बातों का विशेष ध्यान रखें -

एक बार पहने हुए वस्त्रों को बिना धोए अलमारी में न रखें।


बिना धुले वस्त्रों को अलमारी में रखने पर दुर्गन्ध पैदा करने वाले बैक्टीरिया सक्रिय होकर वस्त्रों में दुर्गन्ध पैदा कर देते हैं।


शरीर की साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखना चाहिए।


नीम युक्त साबुन का नहाते वक्त इस्तेमाल करें तो बेहतर रहेगा।


जहाँ तक हो सके कड़ी धूप से बचें।


वस्त्र ऐसे पहनें जो शरीर से चिपके हुए न हों क्योंकि तंग वस्त्रों में ज्यादा पसीना आता है और वाष्पीकरण सही ढंग से नहीं हो पाता है जिससे कपड़ों से दुर्गन्ध आने लगती है।


सिन्थेटिक वस्त्र न पहनकर सूती वस्त्र पहने तो ज्यादा ठीक रहेगा।


तली-भुनी व मसालायुक्त चीजें न खाएँ।


मौसमी फलों का सेवन करें।





जड़ी-बूटी द्वारा उपचार


बबूल के पत्ते और बाल हरड़ को बराबर-बराबर मिलाकर महीन पीस लें। इस चूर्ण की सारे शरीर पर मालिश करें और कुछ समय रूक-रूक कर स्नान कर लें। नियमित रूप से यह प्रयोग कुछ दिनों तक करते रहने से पसीना आना बंद हो जायेगा।





पसीने की दुर्गन्ध दूर करने के लिये बेलपत्र के रस का लेप शरीर पर करना चाहिए।





अडूसा के पत्रों के रस में थोड़ा शंख चूर्ण मिलाकर शरीर पर लगाने से शरीर से पसीने की दुर्गन्ध दूर हो जाती है।