23 फ़रवरी 2010

हर बीमारी की जड़ है तनाव

तनाव के बुरे प्रभावों को हम सभी जान चुके हैं, लेकिन अमेरिकी अनुसंधानकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार मसूड़ों की सड़न से लेकर खांसी और बुखार जैसी बीमारियों के लिए भी यह जिम्मेदार है।

'एसोसिएशन आफ साइकोलाजिकल साइंस' की मासिक पत्रिका 'आबजर्वर' द्वारा प्रकाशित इस अध्ययन में मनोविज्ञान, चिकित्सा विज्ञान, स्नायु विज्ञान और अनुवांशिकी के क्षेत्र में किए गए अध्ययन के अनुसार तनाव लगभग सभी बीमारियों की जड़ है।

अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार तनाव विपरीत परिस्थितियों के अनुसार ढलने की इंसान की क्षमता को प्रभावित करता है। तनाव की परिस्थिति में 'एड्रनलीन' और 'कार्टीजोल' जैसे हारमोन निकलते हैं जिनके चलते धड़कन तेज होने और सांस की गति बढ़ने के अलावा रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है।

अनुसंधानकर्ताओं का मानना है कि तनाव के चलते मस्तिष्क में होने वाले बदलाव पेट व आंतों की गड़बड़ियों सहित मसूड़ों में खराबी, मधुमेह यहां तक की कैंसर का भी कारण बन सकते हैं। साथ ही इसके चलते कैंसर जैसी बीमारी और एचआईवी जैसे वायरसों से लड़ने की क्षमता भी प्रभावित होती है।