25 सितंबर 2011

निवेश एक नहीं कई जगह

आज रिश्ते से ऊपर पैसे की अहमियत हो गई है, तो बचत भी बहुत जरूरी है। जब बात महिलाओं की आती है तो अब वें आर्थिक तौर पर अब किसी पर निर्भर नहीं रहीं, खुद कमाने, खुद खर्च करने के लिए स्वतंत्र हैं। आमतौर पर कहा जाता है कि महिलाएं बहुत खर्चीली होती हैं लेकिन अब जब उन्हें आफ़िसों में दिनरात खटना पडता है, कडी मेहनत करनी पडती है तो पैसे की वैल्यू वे भी अच्छी तरह जानती हैं। आज लोगों को कमाई के साथसाथ अपनी बचत का निवेश कई जगह करना चाहिए, ताकि वे अपना और परिवार का भविष्य सुरक्शित तथा चिंतारहित बना सकें। निवेश के लिए कई फ़ैक्टर हैं। आप अविवाहित हैं या विवाहित, बच्चे और आश्रित कितने हैं, इन सब बातों को देखते हुए निवेश की प्लानिंग करनी चाहिए। सब से मह्त्वपूर्ण बात यह है कि आप केवल एक ही जगह नहीं, कई जगह निवेश करें ताकि कम से कम आप अपना और परिवार का भविष्य सुरक्षित बना सकें।

पी.पी.एफ़., पी.एफ़.(लौंग टर्म निवेश)
आप चाहे वेतनभोगी हों या बिजनेसमैन, अपनी बचत का करीब 25% लौंग टर्म योजनाओं में निवेश कर सकते हैं। दीर्घकालीन निवेश में पब्लिक प्रोविडेंट फ़ंड, प्रोविडेंट फ़ंड और लाइफ़ इंश्योरेंस में 15 से 25 साल तक का निवेश किया जाना चाहिए।
पी.पी.एफ़. और पी.एफ़. योजनाओं में मौजूदा समय में 8% वार्षिक रिटर्न मिल रहा है।

एल.आई.सी.
एल.आई.सी. में भी कई स्कीमें हैं। इन में बीमारी, एक्सीडेंट, लोन सुविधा कवर होने के साथसाथ परिपक्वता में मोटी राशि मिल जाती है। एल.आई.सी. में 5 से 7% रिटर्न मिलता है। यह सेल्फ़ इनवेस्टमेंट है। इस से आप खुद और आप की फ़ैमिली सुरक्षित रह्ती है। परिवार पर दवाब नहीं पडता। मुसीबत के समय बच्चों की पढाई, बीमारी, विवाह जैसे काम रूकते नहीं।

इक्विटी [शेयर मार्केट]
इस के बाद अगर आप के पास सरप्लस मनी बचती है तो हाई रिस्क और हाई रिटर्न के लिए इक्विटी सेक्टर यानी शेयर मार्केट है। जहां आप के धन में गुणात्मक बढोतरी होती रह्ती है। लेकिन इस में रिस्क को ध्यान में रखना होगा।
इस में फ़ंडामेंटल स्ट्रोंग कंपनियां हैं जैसे बैंकिग सेक्टर, पावर सेक्टर, आई.टी. सेक्टर, आटो सेक्टर, मेटल सेक्टर, टेक्सटाइल, इंफ़्रास्ट्रक्चर सेक्टर आदि।
बैंकिग में सब से पौपुलर और विश्वसनीय है एस.बी.आई., एच.डी.एफ़.सी., आई.सी.आई.सी.आई., आई.डी.बी.आई. आदि।
पावर सेक्टर में एन.टी.पी.सी. यह पब्लिक के लिए सब से भरोसेमंद है।
आई.टी. में इनफ़ोसिस, विप्रो, टी.सी.एस. प्रमुख हैं।
मेटल में हिंडालको, सेल, टिस्को हैं।
आटो सेक्टर में मारूति, हीरो होंडा मह्त्वपूर्ण हैं।
टेक्सटाइल में रिलायंस इंडस्ट्रीज, ग्रासिम आदि तथा इंफ़्रास्ट्रक्चर सेक्टर में डी.एल.एफ़., यूनिटेक का नाम आता है।

गोल्ड में निवेश
आप गोल्ड, सिल्वर आदि में निवेश कर सकते हैं। लेकिन इस में अधिक नहीं, क्योंकि एक हद से अधिक फ़ायदा इस में नहीं मिलता। इस में अपनी बचत का 15 से 25% ही निवेश करें तो ज्यादा ठीक रहेगा। सोनेचांदी जैसी धातुओं में उतारचढाव चलता रहता है।

एन.एस.सी. में निवेश
एन.एस.सी. एक लौंग टर्म व सेफ़ निवेश योजना है। यह भी आप के लिए फ़ायदेमंद रहेगी।

प्रौपर्टी में निवेश
अपनी बचत के हिसाब से प्रौपर्टी में भी निवेश किया जा सकता है। अगर इक्विटी में आप को अच्छा प्रोफ़िट मिलता है तो उस हिस्से को डाइवर्ट कर के रीयल एस्टेट में ट्रांसफ़र कर देना चाहिए।
मान लीजिए आप ने इक्विटी में 15 हजार रूपय लगा रखे हैं और 2-3 साल में वह 15 गुना हो जाता है। यह राशि दोढाई लाख हो जाती है तो उसे रीयल एस्टेट में शिफ़्ट कर देना समझदारी है। अन्यथा क्या पता आप की यह राशि दोढाई लाख से कब 5-10 हजार रूपय पर आ लुढके।

म्यूचुअल फ़ंड

यह सिस्टेमैटिकल इनवेस्टमेंट प्लान है। इस में इनवेस्टर पैसा डायरेक्ट न लगा कर फ़ंड मैनेजर के माध्यम से लगाता है। इस में आप हर महीने अपनी सेविंग के हिसाब से धन लगा सकते हैं। इस में 15 से 20% रिटर्न मिल जाता है। यह मार्केट कंडीशन पर निर्भर करता है। यह भी रिस्की है।
इस के अलावा आर.डी. अकाउंट में भी निवेश किया जा सकता है।
एक खास बात और जरूरी है, वह है आप को कुछ प्रतिशत लिक्विडिटी के लिए सेविंग अकाउंट में इमरजेंसी के लिए रखना चाहिए, यह बचत आप किसी भी वक्त जरूरी काम पडने पर निकाल सकतें हैं।
इस तरह 3-4 या सुविधा के अनुसार ज्यादा योजनओं में डिवाइड कर के निवेश किया जा सकता है। आप को पोर्टफ़िलियो बना कर निवेश करना चाहिए।