स्टम सुधरने के लिये पूरी ईमानदारी से काम किया लेकिन अब सिस्टम से बाहर रह कर काम करना चाहती हूँ," पुलिस को अलविदा कह चुकी देश की पहली महिला आईपीस अधिकारी किरण बेदी के ये शब्द बयान कर देते हैं की किस तरह भ्रष्ट व्यवस्था से नाखुश एक ईमानदार और काबिल अधिकारी को अपना अलग रास्ता चुनना पड़ता है।
कुछ वर्ष पहले पुलिस रिसर्च और डेवलपमेंट विभाग के प्रमुख पद पर कार्यरत किरण बेदी का दिल्ली पुलिस कमिशनर बनना तय था।
दृढ संकल्प
सन 2007 में उन्होंने पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट विभाग के प्रमुख पद से इस्तीफा दे कर जाहिर किया की व्यवस्था के नाम पर जो दोगलापन देखने में आ रहा है उससे नुकसान तो देश का ही हो रहा हो।
शायद किरण बेदी का अपराध यह रहा की वे ईमानदारी से काम करने में यकीन रखती हैं। वे कैदियों को सुधारने, उन्हें किसी लायक बनाने और अनुशासन कायम रखने के प्रयासों में लगी रहीं किन्तु भूल गईं की स्वार्थ सिद्धि को ही अपना परम कर्त्तव्य मानने वाले नेताओं के लिये यह बात मायने नहीं रखती।
9 जून, 1949 में अमृतसर में जन्मी इस निडर और सशक्त नारी के कैरियर की शुरूआत हुई 1970 में, अमृतसर के खालसा कालेज फार वूमेंस में पढ़ाने से।
इस के बाद 1972 में बृज बेदी से इन का विवाह हुआ और इसी वर्ष ये भारतीय पुलिस सेवा में सामिल हुईं।
नई दिशा
मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित बेदी को तिहाड़ जेल में उन के अहम प्रयासों के लिये भी जाना जाता है।
आईपीएस अधिकारी के यादगार कैरियर के बाद स्टार प्लस पर दरसल, 'आप की कचहरी' में किरण बेदी एक बार फिर जनता से रूबरू हुईं। समाजसेवा का दामन इन्होने कभी नहीं छोड़ा इस शो के माध्यम से भी वे लोगों की निजी समस्याओं को सुलझाने का ही कार्य करती रहीं। 'आप की कचहरी का कांसेप्ट ही कुछ ऐसा था, जो इन के कैरियर के सफ़र से मेल खाता है।
इन्होने भारत में 2 गैरसरकारी संगठनों - 'नवज्योति' और 'द विजन फाउंडेशन' की स्थापना की जिन के माध्यम से ये गरीब बच्चों को शिक्षा, महिलाओं को वोकेशनल ट्रेनिंग, गरीबों के स्वास्थ्य की देखभाल, कैदियों के जीवन को नई दिशा देना और उन्हें जीविका कमाने के लिए समर्थ बनाने का प्रयास करना आदि कार्य करती हैं।
ऐसे इमानदार लोगों और उनके सोच की वजह से इंसानियत व ईमानदारी जिन्दा है ,इस देश में ईमानदारी और सत्यमेव जयते की दर्दनाक अवस्था है और इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेवार इस देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति पद पर बैठा व्यक्ति है |
जवाब देंहटाएंभ्रस्टाचार व आतंकबाद मिटने के लिए मे एक जोरदार तरीका बतलाना चाहता हू |
जवाब देंहटाएंकृपया एक बार थोड़ा सा समय देने का कष्ट करे |
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madan gopal brijpuria