22 अगस्त 2010

प्यार का इंटरव्यू ( Interview of Love )


पनी बचपन की सहेली सावित्री से फोन पर बातें करने के बाद कौशल्या ने अपने बेटे विवेक से बड़े उत्साहित अंदाज में उस की शादी का जिक्र छेड़ा.
" तेरी शादी मैं ने पक्की कर दी है, "
कौशल्या ने चौकाने वाले अंदाज में वार्तालाप आरम्भ किया.
" कब ? कहाँ ? किस से ? " सोफे पर बैठा विवेक उछल  कर खडा हो गया.
" यों मेमने की तरह मत  कूद. तुम्हें अच्छी तरह से पता है की मैं ने तुम्हारा रिश्ता किस से पक्का किया होगा."
" सावित्री आंटी की बेटी पूनम से? "
" क्या उस पूनम से, जिसे मैं ने कभी देखा नहीं है?. "
" देखा कैसे नहीं है. अरे, बचपन में तुम दोनों खूब साथ खेले और झगड़े हो. "
" माँ, इस सारी बात को हंसीमजाक में मत लो. बड़े होने के बाद हम कभी मिले नहीं हैं. फिर हमारी शादी कैसे तय हो सकती है? "

" तुझे याद नहीं, पर करीब 5 साल पहले तुम पूनम से एक शादी में मिले थे. खैर, वह लडकी लाखों में एक है. फिर उस की माँ से मैं ने बरसों पहले वादा किया था की पूनम को अपने बेटे की बहू बना कर लाऊंगी. मैं अपने वचन से मुकरना नहीं चाहती हूँ, मेरे लाल, " कौशल्या ने अपनी बात मनवाने के लिये भावुकता का सहारा लिया.
" माँ, शादी जिन्दगी भर का रिश्ता है और बिना जानेपहचाने मैं कैसे किसी लड़की से शादी करने को 'हाँ' कह सकता हूँ? "
विवेक ने चिढ़े अंदाज में विरोध प्रकट किया.
" अरे, तो उस से जानपहचान कर ले न. "
" कैसे? "
" वह मेरठ में होस्टल में रह कर पढ़ रही है. दिल्ली से 2 घंटे का रास्ता है. जा कर इस रविवार को पूनम से मिला आ. "
" ठीक है. मैं उस का इंटरव्यू ले कर आता हूँ. अगर वह मुझे पसंद नहीं आई तो तुम अपनी जिद छोड़ देना. "
" वह तुझे जरूर पसंद आएगी. "
'देखता हूँ, ' मन ही मन पूनम को रिजेक्ट करने की ठान कर विवेक वहां से उठ कर अपने कमरे में आ गया.

वेक पूनम का इंटरव्यू लेना चाहता है, यह बात कौशल्या से सावित्री तक और फिर सावित्री ने उस की बेटी पूनम तक फोन के माध्यम से पहुँची.
" वह कोई मुझे नौकरी  दे  रहा है, जो मेरा इंटरव्यू लेगा, " पूनम कौशिक ने अपनी हमनाम सहेली पूनम गुप्ता के सामने अपना गुस्सा प्रकट किया, "इस घमंडी विवेक से मेरा मिलने का बिलकुल मन नहीं है. "
" लेकिन अपनी माँ की जिद के कारण उस से मिलना तो पडेगा ही तुझे, " पूनम गुप्ता ने नकली सहानुभूति प्रकट की.
" यही तो मेरी मजबूरी है. "
" यह तो तेरी सिर्फ पहली मजबूरी है, "
पूनम गुप्ता ने इस बार उसे शरारती अंदाज में छेड़ा.
" क्या मतलब है तेरी इस बात का ? "
पूनम कौशिक चौंकी.
" माई डियर पूनम, यह मत भूल की दिल ही दिल में तू पिछले 5 सालों से उसे चाहती है. उस शादी में हुई मुलाक़ात से पैदा हुई प्रेम की भावनाएं 5 साल के समय में कमजोर नहीं पडी हैं. "
" ऐसी कोई बात मेरे दिल में नहीं है," पूनम कौशिक के इस इनकार का झूठ  उस के गुलाबी हो चले गालों से साफ़ जाहिर हुआ.
" फिक्र करने की कोई बात नहीं है, मेरी जान. तू इंटरव्यू में जरूर पास हो जाएगी. तेरे सपनों का शहजादा तुझे मिल जाएगा, " पूनम गुप्ता ने उसे फिर छेड़ा, तो उस की सहेली का गुस्सा फिर से भड़क उठा
" यह 'इंटरव्यू' शब्द मेरे दिल में कांटे सा चुभ रहा है. वह घमंडी जीवनसाथी ढूँढने आ रहा है या फायदेनुकसान का सौदा करने ?
मैं जरूर बताऊंगी उसे की इंटरव्यू कैसे लिया जाता है, " पूनम कौशिक अपनी सहेली के सामने काफी देर तक उबलने के बाद भी शांत नहीं हुई थी.
रविवार की सुबह 10 बजे के करीब विवेक पूनम कौशिक के होस्टल के गेस्टरूम में बैठा था, जब 2  खूबसूरत युवतियां उस से मिलने आईं. एक ने जींस और लाल टॉप पहन रखा था और दूसरी ने हरे रंग का सूट.

ड़े हो कर उन का स्वागत करते हुए विवेक ने उन की मुस्कराती नमस्ते का जवाब बड़े गंभीर अंदाज में दिया. इन दोनों के बैठने के बाद वह उन के सामने बैठ गया.
कुछ देर की बेचैनी भरी खामोशी के बाद विवेक ने ही वार्तालाप आरम्भ किया, " आप दोनों में से पूनम कौन है ? "
" यह है, " सूट वाली ने अपनी सहेली की तरफ हँसते हुए इशारा किया.
" यह भी है, " जींस वाली लड़की शरारती अंदाज में मुस्कराई.
" क्या आप दोनों पूनम हैं ? " विवेक उलझन का शिकार बन गया.
" हम जूठ क्यों बोलेंगी ? " जींस वाले के इस जवाब पर दोनों सहेलियां अचानक हंसने लगीं, तो विवेक की आँखों में बेचैनी के भाव उभरे.
" जी, मैं सावित्री आंटी की बेटी से मिलने आया हूँ. "
" हम दोनों ही उन की बेटियाँ हैं,
इंजीनियर साहब. आप हम दोनों का इंटरव्यू लीजिये. हम में से जो पसंद आए, उसे चुन लेना. अगर 'वैराइटी' उपलब्ध हो तो चुनने का मजा बढ़ नहीं जाएगा ? " हरे सूट वाली  ने दोस्ताना लहजे में सवाल पूछा.
" हम दोनों का एकसाथ इंटरव्यू लेने में आप को कोई एतराज या परेशानी है ? " जींस वाली लडकी ने बड़े भोलेपन से पूछा.
" नहीं, पर सावित्री आंटी की असली बेटी की अगर पहचान... "
" जनाब, इस असलीनाकली के चक्कर को गोली मारिये और इंटरव्यू शुरू कीजिये, "
जींस वाली बड़ी अदा से तन कर सीधी बैठ गई.
" आप हम दोनों के बारे में जो भी जानना चाहें, वह बेधडक पूछें. शादी के मार्केट में हमें बिकने और आप को खरीदने का अनुभव करने का यह अच्छा अवसर है, " सूट वाली की आवाज में व्यंग का कोई भाव मौजूद नहीं था.
" मैं यहाँ कुछ खरीदने नहीं आया हूँ, "
विवेक कुछ नाराज और परेशान सा नजर आया.

क यूं, सर. झूठा ही सही, पर हमें मानसम्मान का एहसास कराने के लिये हमारे दिलों से निकला 'धन्यवाद' स्वीकार करें. "
" मुझे ऐसा क्यों लग रहा है की आप दोनों मेरा मजाक उड़ा रही हैं, " माथे पर बल डाल कर विवेक ने उन दोनों को घूरा.
" तौबा, तौबा, " जींस वाले ने अपने कान पकडे.
" हमारी ऐसी मजाल कैसे हो सकती है, इंजीनियर साहब ? हम इस इंटरव्यू के प्रति पूरी तरह से गंभीर हैं और दिल से चाहती हैं की आप यहाँ से खाली हाथ न लौटें, " सूट वाली ने गंभीर नजर आने की मजाकिया कोशिश शुरू की तो विवेक मुस्कराए बिना नहीं रह सका.
" अरे, इंजीनियर साहब, खुश नजर आ रहे हैं. मौके का फायदा उठा और ज़रा मेरे गुणों का बखान कर मेरी मार्केट वैल्यू बढ़ाना, " जींस वाले ने अपनी सहेली के पेट में उंगली घुसा कर प्रोत्साहित किया.
" मेरी सहेली की खूबसूरती पर कविता लिखने वाले मजनुओं की हमारे कालेज में कोई कमी नहीं है, सर, " सूट वाले ने अपनी सहेली की तारीफ़ नाटकीय स्वर में शुरू की, " उन्हें अपनी उँगलियों पर नाचने के साथसाथ खुद भी बढ़िया नाचती है. आप ने कोयल की कूक सुनी है ? "
" हाँ. "
" बस, वैसी ही मीठी आवाज है इस की. इसे चुनिए और जिन्दगी भर संगीत और नृत्य का आनंद घर बैठे उठाइए. "
" यह कोयल की तरह से कूकती है ? "
विवेक मुस्कराया.
" बिलकुल. "
" मैं इन से शादी के लिये 'हाँ' तो कर दूं, पर इन्हें बेकार के कष्ट में नहीं डालना चाहता हूँ. "
" किस कष्ट की बात कर रहे हैं आप ? "
" कोयल की कूक पास के बाग़ में लगे ऊंचे पेड़ों की तरफ से आती है तो मन खुश हो जाता है. अब रोज सुबह आप की सहेली को कभी इस पेड़ तो कभी उस पेड़ पर चढ़ कर कूकना पडेगा, तो.... बात कष्ट देने वाली है न ? " उस की मजाक उड़ाने वाली बात सुन कर दूं सहेलियों ने तरह तरह के सादे से मुंह बनाए तो विवेक खिलखिला कर हंसा.
" मैं 'इंटरव्यू' की गंभीरता को बनाए रखने के लिये मुद्दे की बात फिर से आगे बढ़ाती हूँ, " जींस वाली लड़की ने नकली गुस्सा प्रदर्शित करते हुए विवेक को घूरा और कहा, " मेरी सहेली कालेज की पी.टी. उषा है. यह इतना तेज दौड़ती है की आज तक कोई भी युवक इसे अपने प्रेमजाल में फांस नहीं सका है. उम्दा खाना बनाने का शौक है. खाती भी शौक से है, पर दुबलीपताली बने रहने की खातिर अक्सर जानबूझ कर खाना जला देती है. इसे चुनिए और जिन्दगी भर चुस्तदुरूस्त बने रहने की आजीवन चलने वाली गारंटी पायें. "
" शादी हो जाने के बाद अगर यह अन्य लड़कियों की तरह मोटी होती चली गई, तो मैं क्या करूंगा ? " पूरे मूड में आ कर अब विवेक भी हलकेफुलके अंदाज में बातें करने लगा.
" जनाब, शादी के मार्केट में आजकल कितना कम्पीटीशन है, यह तो आप जानते ही हैं. यह मोटी हो जाए तो इसे वापस करने का आप को पूरा अधिकार होगा. आप को सौदे में नुकसान नहीं होगा, " जींस वाली लड़की व्यंग भरे अंदाज में मुस्कराइए.
" एक बात बताएंगी ? "
" पूछिए. "

दी के मार्केट में एक के साथ एक फ्री वाला आफर आप दें, तो मेरी सारी उलझन समाप्त हो जाए और मैं आप दोनों.... नहीं, नाराज मत होइए. मैं ने तो यों ही पूछ लिया था, " बड़ी मुश्किल से विवेक अपनी हंसी रोक पा रहा था.
दोनों लड़कियां अपनी कैसी भी प्रतिक्रया व्यक्त कर पातीं, उस से पहले ही 2 लड़कियों ने कमरे के अन्दर झांका. दोनों की आँखों में उत्सुकता और शरारत भरी चमक मौजूद थी.
" अरे, कोई पसंद आई ? कैसा चल रहा है इंटरव्यू ? " उन में से एक ने सवाल पूछा.
" अभी तो इंजीनियर साहब हम दोनों को ही चुनने का लालच दिखा रहे हैं, जींस वाले लड़की ने मुंह बनाते हुए जवाब दिया. "
" जल्दी से 'हाँ' या 'न' कराओ.
इंटरव्यू देने को तैयार बाकी लड़कियां बेचैन हो रही हैं, " उन दोनों ने विवेक की तरफ एक बार भी नहीं देखा और वाहाँ से चली गईं.
" कौन सी लडकियां बेचैन हो रही हैं ? "
विवेक ने चौंकते हुए सवाल किया.
" आप जैसे सुन्दर, स्मार्ट और काबिल लडके आसानी से कहाँ मिलते हैं, जनाब आप की सेवा में हाजिर हो कर इंटरव्यू देने के लिये हमारा आधा होस्टल तैयार खडा है, " जींस वाली लड़की की आवाज फिर व्यंग से भर उठी.
" आप अपने बारे में कुछ बता देते तो बड़ी कृपा होती, " सूट वाली ने विनती सी की.
" मैं उतना बुरा और नासमझ इंसान नहीं हूँ जितना आप दोनों मान बैठी हैं, " विवेक गंभीर हो गया, " मेरा मत तो यही है की शादी तभी हो जब लड़कालड़की एकदूसरे को अच्छी तरह से जानसमझ चुकें हों. मेरी माँ की जिद न होती तो मैं यों लड़की देखने आने को कभी राजी न होता. "

ह तो बड़ी अच्छी बात है, " जींस वाली ने कहा.
" अब तो कृपा कर के यह बता दें की सावित्रीजी की असली बेटी कौन है ? " विवेक ने अपने मन की दुविधा दूर करने को एक बार फिर अपना सवाल दोहराया.
" आप अभी तक नहीं पहचान सके हैं उसे ? " जींस वाले ने हंस कर पूछा.
विवेक ने इनकार में सिर हिलाया.
" हम ने तो सुना था की इंजीनियर बहुत इंटेलिजेंट होते हैं. "
" वह तो ठीक ही सुना है आप ने, पर ज्यादा शरारती लोगों से पाला पड जाए तो हार भी हो जाती है. "
" इतनी जल्दी मत हार मानिये, जनाब आप इस से गप्पे लड़ाइए और मैं आप की आवभगत का इंतजाम कर लौटती हूँ, " जींस वाली लडकी मुस्कराती हुई कमरे से बाहर चली गई.
विवेक ने आगे झुक कर सूट वाली से पूछा, " आप ही हैं न पूनम कौशिक ?"
" क्या मैं आप को उस से ज्यादा अच्छी लगी हूँ ? " उस ने शरारती अंदाज में भौंहें मटकाईं .
" बतलाइये न, प्लीज. "
" यह सवाल मेरी सहेली के लौट आने के बाद ही पूछना, इंजीनियर साहब. मैं ने सच बता दिया तो वह मेरी जान खा जाएगी. "
" मैं किसी से कभी नहीं कहूंगा की... "
" सौरी, कुछ और बात करिए, प्लीज. "
विवेक ने असहाय भाव से कंधे उचकाए और फिर उस की पढ़ाई से सम्बंधित बातें करने लगा.
करीब 10 मिनट बाद जींस वाली लड़की एक ट्रे में 3 प्लेटें सांभरवडा ले आई.
विवेक ने पहले चम्मच क स्वाद लिया और तेज मिर्चों के कारण उस की सिसकारी निकल गई. उस ने आँखें उठा कर देखा तो पाया की वे दोनों बड़े स्वाद से संभारवडा खा रही थीं.
विवेक ने अपने हावभावों को नियंत्रित किया और मुस्कराने का अभिनय करते हुए सांभरवडा खाने लगा. वह उन्हें अपना मजाक उड़ाने का कोई मौक़ा नहीं देना चाहता था.
एकाएक 2 लड़कियों ने संभारवडा खाते हुए कमरे में प्रवेश किया और सीधे विवेक के सामने आ खडी हुईं.
" किसे चुना है आप ने, सर ? " उन में से लम्बे कद वाली ने सीधेसीधे पूछ लिया.

भी तो कोई फैसला नहीं करा है मैं ने, "
विवेक ने मुस्कराते हुए जवाब दिया.
" सर, जल्दी फैसला कर लीजिये.
आजकल कैम्पस प्लेसमेंट का सीजन चल रहा है. होस्टल में यही एक गेस्टरूम है.
इंटरव्यू लेने के लिये अगली पार्टी आने ही वाली है, " दूसरी लड़की ने माथे पर बल डाल कर हल्की नाराजगी दर्शाई और फिर दोनों कमरे से बाहर चली गईं.
" मैं अपने को इस कारण शर्मिन्दा महसूस कर रहा हूँ  की मेरे यों मिलने आने को आप इंटरव्यू लेना समझ रही हैं, "विवेक ने दबे स्वर में सफाई सी दी.
" अरे, बड़े लोगों को बिलकुल शर्मिन्दा होने का अवगुण नहीं पालना चाहिए, " जींस वाली ने उसे सलाह दी.
" अभी एक कैबिनेट मिनिस्टर ने करोड़ों का घोटाला किया. हमारे इलाके का डी.एस.पी. सेक्स स्कैंडल का मुखिया निकला. दिल्ली के बड़े उघोगपति का बेटा सरेआम उस मॉडल का मर्डर कर के मुस्कराता घूम रहा है. इंजीनियर साहब, बड़े लोग कहाँ शर्मिन्दगी महसूस करते हैं ? अरे, आप तो इंटरव्यू ही ले रहे हैं शादी के लिये. उन लोगों की तुलना में तो यह काम कुछ भी नहीं. आप बेखटके इंटरव्यू लेना चालू रखिये, प्लीज. " खड़े हो कर यह स्पीच जोशीले अंदाज में देने के बाद सूट वाली लड़की दोबारा बैठ कर सांभरवडा खाने लगी.
कुछ पलों की खामोशी के बाद विवेक ने गंभीर लहजे में जवाब दिया, " इंटरव्यू तो अब ख़त्म हो चुका है, देखिये.
" क्या आप ने फैसला कर लिया है ? " सूट वाली जोर से चौंकी.
" हाँ. "
" क्या मुझे चुना है आप ने अपनी दासी बनने के लिये ? "
" तुझे नहीं, मुझे चुना होगा इन्होने, " जींस वाली ने बड़े नाटकीय ढंग से अपने माथे पर हाथ मारा.
अचानक मुस्करा रहे विवेक के चेहरे पर परेशानी के भाव उभरे. इस ने हाथों से अपना पेट पकड़ लिया और उबकाइयां सी लेने लगा.
" मुझे तेज घबराहट हो रही है. सांस भी नहीं आ रहा है. तबीयत बिलकुल ठीक नहीं. आप ने मेरे सांभर में मिर्च के साथ...कुछ और गलत... चीज तो नहीं मिला.... दी... " अपने चेहरे पर भयंकर पीड़ा के भाव लिए विवेक सोफे से लुढ़क कर कालीन पर ढेर हो गया.
विवेक ने सांभर में कुछ गलत मिला देने की बात जींस वाली लड़की को संबोधित कर के कही थी. वह बेचारी उस की बिगड़ी हालत देख कर थरथर कांपने लगी.
" इस का शरीर तो ऐंठा जा रहा है, " हरे सूट वाली लड़की बुरी तरह से घबरा उठी.
" प... प... पानी के छीटें मारूं ? " जींस वाली रोंआसी हो उठी.
" बेवक़ूफ़, तू ने मिर्च के अलावा और क्या मिलाया सांभर में ? "
" मैं पागल हूँ क्या जो और कुछ मिलाऊँगी. "

से सबक सिखाने के जोश में तू ने जरूर कोई गलत काम किया है. "
" मैं ने कुछ गड़बड़ नहीं की है. अब क्या करें ? सामने वाले डाक्टर को बुला कर लाऊँ ?
मेरी माँ इस सारी घटना का ब्यौरा सुनेगी तो मुझे कच्चा ही चबा जाएगी. मुझे ऐसे मत घूर. मैं कह रही हूँ न की मैं ने कुछ गड़बड़ नहीं की है " जींस वाले लड़की के आंसू बह निकले.
" इसे सोफे पर लिटाने के लिए कुछ लड़कियों को अन्दर भेज और तू भाग कर डाक्टर को बुला ला. इसे तंग करने की तेरी स्कीम में फंस कर मैं पता नहीं किस मुसीबत में फंसने जा रही हूँ. अब जल्दी जा यहाँ से, " सूट वाली ने अपनी सहेली को जोर से डांट दिया.
जींस वाली लड़की मुडी तो अचानक विवेक ने आँखे खोलते हुए उस का हाथ मजबूती से पकड़ लिया.
उसकी डर के मारे चीख निकल गई. हरे सूट वाली पहले जोर से चौंकी और फिर राहत भरे अंदाज में मुस्करा उठी.
" तुम तो बिलकुल ठीक हो. क्यों किया तुम ने तबीयत खराब होने का ऐसा घटिया नाटक ? " हरे सूट वाली ने शिकायत लहजे में सवाल पूछा.
" इन का सही परिचय जानने के लिये. कही, मेरा अभिनय कैसा लगा, मिस पूनम कौशिक ? क्या मेरे हुनर की दाद नहीं देंगी ? " विवेक पूनम कौशिक की आँखों में प्यार से झांकता हुआ मुस्कराया.
" आप को हमें इतना ज्यादा डराना नहीं चाहिए था, " घबराई पूनम कौशिक अभी भी सहज नजर नहीं आ रही थी.
" और आप दोनों को अपनी पहचान छिपा कर मुझे इतना ज्यादा सताना नहीं चाहिए था. "
" मेरा हाथ चोदिये, प्लीज. "
" यह हाथ छोड़ने के लिये नहीं पकड़ा है मैं ने. "
" तो क्या यह इंटरव्यू में सफल हो गई है ? "
हरे सूट वाली पूनम गुप्ता ने आँखें चौड़ी कर के पूछा.

लकुल सौ में से सौर नंबर मिले हैं इन्हें. अपनी सहेली से कहो की वह भी मेरा रिजल्ट बता दे. "
" फेल हुए हैं आप, कैसा डरा दिया हमें, " पूनम कौशिक नाराजगी दिखाते दिखाते शरमा गई.
" मैं ने आप को पास किया. इस का हाथ छोड़िये और मेरा पकडिये, इंजीनियर साहब, " पूनम गुप्ता ने हँसते हुए अपना हाथ विवेक की तरफ बढ़ाया.
" चल पीछे हट, " उस की सहेली ने हाथ पकड़ कर पीछे किया और फिर लजा गई.
" आज मैं ने जाना की पहली मुलाक़ात में भी प्यार हो सकता है. अपने साथ सारी जिन्दगी गुजारने की इजाजत दोगी तुम मुझे ? " विवेक ने भावुक और रोमांटिक लहजे में अपने दिल की इच्छा प्रकट की.
सिर हिला कर 'हाँ'  कहते हुए पूनम कौशिक के गाल गुलाबी हो उठे. उस की सहेली ने तालियाँ बजा कर इस फैसले का स्वागत किया.
" ए गिफ्ट फॉर समवन यू लव, " विवेक ने जेब से चौकलेट निकाल कर अपनी प्रियतमा को पकड़ा दी और फिर 'सी सी' की आवाज निकाल  कर यह दर्शा दिया की उसे मिर्चों की जलन सता रही है.
उस चौकलेट का टुकडा पूनम कौशिक के हाथ से खाने के बाद विवेक ने उस का हाथ चूम कर इस नए रिश्ते पर प्यार की मुहर लगा दी.

                                                                                                                                                         - उषा चाचरा