06 मार्च 2012

आएगें आज...

आएगें आज पिया।

यौवन को सजने दे
पैजनियाँ बजने दे
मेरे मन आँखों में
अंजन को लगने दे

नाचेगा रात हिया।

घायल है सारा तन
घायल है सारा मन
ख्यालों के जंगल में
खोयाखोया जीवन

सुधियों ने छेड दिया।

आग लगे बस्ती में
आग लगे हस्ती में
करना क्या चिंता है
डूबे हैं मस्ती में

मौसम ने लूट लिया।

                        - हेमंत नायक