मायावती का जन्म 15 जनवरी, 1956 को गाजियाबाद के छोटे से गाँव बादलपुर में प्रभुदयाल और रामरती के घर हुआ था। मायावती ने मेरठ विश्वविद्यालय से बी.एड. और दिल्ली विश्वविद्यालय से क़ानून की डिग्री हासिल की। दिल्ली के एक प्राइमरी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने की नौकरी भी की।
उस समय मायावती दिल्ली के इन्द्रपुरी इलाके में छोटे से घर में रहती थी। 1985 में मायावती की मुलाक़ात कांशीराम से हुई। इस बाद बहुजन समाज पार्टी बनी तो मायावती उस की शुरूआती सदस्य बनीं।
मेहनत पर भरोसा
1984 में ही मायावती ने पहली बार कैराना लोकसभा निर्दलीय के रूप में चुनाव लडा। इस चुनाव में उन को 44 हजार वोट ही मिले। वे चुनाव हार गईं।
1989 में मायावती ने बिजनौर क्षेत्र से पहली बार चुनाव जीता। 1998 और 1999 में अकबरपुर से लोकसभा, 1994 में राज्यसभा की सदस्य बनीं। 1996 और 2002 में वे विधायक भी बनीं। 1995 में मायावती पहली बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं। 1997 और 2002 में भी मायावती मुख्यमंत्री बनीं। 3 बार मुख्यमंत्री बनने वाले वे पहली दलित महिला बनीं। सितम्बर, 2003 में मायावती बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनीं। 15वें विधानसभा चुनाव के बाद 2007 में मायावती चौथी बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं।
मायावती के काम करने का तरीका ही उन की सफलता की कहानी को बयान करता है। मायावती की दिन की शुरुआत सुबह 4 बजे ही हो जाती है, सुबह लगभग आधा घंटा वे घास पर नंगे पैर चलती हैं। पीने में कम गरम चाय उन को पसंद है। इस के बाद जिन लोगों को एक दिन पहले काम सौंपे होते हैं, उन से फोने पर बातचीत करती हैं। मायावती के पास अपने सभी पार्टी पदाधिकारियों के फोन नंबर होते हैं। फोन नंबर की या लिस्ट समयसमय पर संसोधित होती रहती है।
सुबह 7 बजे के बाद मायावती मुलाकातियों से मिलती हैं। इस के बाद कुछ समय वे पार्टी, समाज और राजनीति पर कुछ न कुछ लिखती हैं।
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