नित्य उपयोगी बातें नामक स्तम्भ लेख व्यक्ति के जीवन में नित्य उपयोग में आने वाली वार्ताओं से सम्बंधित है। व्यक्ति को अपनी दिनचर्या के साथ-साथ कुछ इस प्रकार के साधारण नियम होते हैं, जो भाग्यवृद्धि में सहायक होते हैं तथा कुछ भाग्यावृद्धि में रूकावट पैदा करते हैं। ऐसी परिस्थिति में सावधानी पूर्वक कुछ आवश्यक नियमों का अनुसरण करना चाहिए।
1. अधिकाँशतया सभी मनुष्य तर्जनी ऊंगली से मुखवास एवं दंतमंजन करते हैं, जबकि यह दरिद्रता की निशानी एवं विविध दुर्घटनाओं को देने वाली होती हैं। तर्जनी ऊंजली का तो माला जपते हुए भी निषेध है। अतः ध्यान रखें।
2. तर्जनी ऊंगली को भोजन मुद्रा में कभी भी अलग नहीं करना चाहिए। अलग करने पर इससे दरिद्रता एवं अल्प आयु प्राप्त होती है।
3. भोजन में तर्जनी, मध्यमा, अनामिका एवं अंगूठे का सहारा लेकर भोजन करें। जबकि कनिष्ठा को पृथक रखें।
4. मध्यमा ऊंगली से दन्त मंजन करने से दीर्घ आयु, स्वस्थ जीवन सम्पन्नता एवं सफलता प्राप्त होती है।
5. अधिकांशत: मनुष्य अनामिका अंगुली से अपने मष्तिष्क पर तिलक लगाते हैं जो कि निषेध है। तर्जनी उंगली से तिलक लगाना देव, गऊ, ब्रह्मण, गुरु, कन्या, वर एवं अन्य सभी पूजनीय व्यक्तियों के लिये अधिकार है स्वयं के लिये कदापि नहीं।
6. स्वयं के लिये तिलक लगाने के लिये मध्यमा ऊंगली का प्रयोग करें। इससे दीर्घायु, यश और ऐश्वर्या की वृद्धि होती है। जबकि अनामिका ऊंगली से स्वयं के तिलक लगाने पर गुरुजन, आचार्यगण, वृद्धजन, माता-पिता एवं अन्य सौहार्द रखने वाले सभी शुभ चिंतकों का आशीर्वाद नष्ट हो जाता है।
7. अधिकांशतः कान, नाक में ऊंगली करना एवं बिना किसी कारण के लगभग हर समय उंगलीयों को चटकाना, खींचना मूर्खता की निशानी है एवं शिष्टाचार के विरूद्ध है।
8. हवन करते समय यह ध्यान रखें कि हवन सामग्री से तर्जनी ऊंगली का स्पर्श होने से हवन करने वाले स्वयं का अनिष्ट होता है एवं कनिष्टा ऊंगली के स्पर्श करने से मंत्र बोलने वाले आचार्य एवं ब्राह्मणों का अहित होता है।
9. हवन करते समय केवल मात्र मध्यमा, अनामिका एवं अंगूठे के सहारे से ही आहुती प्रदान करें।
21 मई 2010
नित्य उपयोगी बातें
Posted by Udit bhargava at 5/21/2010 06:47:00 pm
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