आरती
सुख-दुःख पाप-पुण्य दिन राती ।
साधू-असाधु सुजाति कुजाती ॥
दानव देव उंच अरु नीचू ।
अमित सुजीवंहू माहुरु मीचू ॥
माया ब्रहम जीव जगदीसा ।
लच्छे- अल्लाच्चे रंक अवनीसा ॥
कासी मग सुरसरी क्रम नासा
मरू मारव माहि देव गवासा ॥
सरग नरक अनुरागा बिरागा ।
निगमागम गनु दोष विभागा ॥
जड़- चेतन गुण दोषमय, विस्व कीन्ह करतार ।
संत साँस गुण गहहिं पय, परिहरि वारि विकार ॥
01 मार्च 2009
संत महिमा क़ी आरती
Posted by Udit bhargava at 3/01/2009 04:29:00 pm
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