महिलाओं से जुड़ा एक बेहतर पॉपुलर सवाल है, "आखिर एक औरत के मन में है क्या?" अमेरिका में चिकित्सकों और शोधकर्ताओं की एक पूरी टीम इस सवाल का जवाब पाने में जुट गई और इस तलाश में कई अहम जानकारियां सामने आईं। दरअसल इस सवाल में अक्सर पूछा जाने वाला एक और अहम सवाल छिपा होता है जो निश्चित तौर पर एक स्त्री के सेक्स संबंधी दिलचस्पियों की पड़ताल करता है। यह सवाल दरअसल स्त्री की उम्र और सेक्स के रिश्ते से जुड़ा हुआ है। कई लोग मानते हैं कि एक स्त्री की उम्र उसकी सेक्स संबंधी दिलचस्पियों पर काफी असर डालती है। यह माना जाता है कि उम्र बढ़ने के साथ एक स्त्री काम क्रीड़ाओं में पहले जैसी दिलचस्पी नहीं लेती।
लाइफ पार्टनर भी जिम्मेदार
हालांकि हाल में हुए कई शोध से यह बात साफ हो गई है कि मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं मे संभोग के प्रति दिलचस्पी होना अथवा न होना सिर्फ बढ़ती उम्र पर निर्भर नहीं करता। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि उसका और उसके लाइफ पार्टनर का स्वास्थ्य कैसा है और सेक्स संबंधी गतिविधियों में वे कितनी दिलचस्पी लेते हैं। आम धारणा के विपरीत शोध में यह पाया गया है कि मध्यम आयु में भी औरतें न सिर्फ सेक्सुअली काफी सक्रिय होती हैं बल्कि कई मामलों में उनकी दिलचस्पी बढ़ती भी पाई गई है।
शोध के दौरान जब यह जानकारी हासिल करने की कोशिश की गई कि जो महिलाएं सेक्स में सक्रिय नहीं हैं उसके पीछे क्या वजह है, तो पता चला कि कई भावनात्मक कारणों से उनकी सेक्स और अपने पार्टनर में दिलचस्पी खत्म हो चुकी है। उम्र बीतने के साथ औरतों में सेक्स के प्रति रूचि खत्म होने का बड़ा कारण उनके पार्टनर का व्यवहार होता है। पार्टनर में सेक्स के प्रति दिलचस्पी घटना या किसी प्रकार की अक्षमता का सीधा असर स्त्रियों की यौन सक्रियता पर पड़ता है। ऐसी भी स्त्रियां हैं जिनकी सेक्स में दिलचस्पी खत्म होने की अन्य वजहें भी रही हैं, मगर उनकी संख्या कम है।
उल्लेखनीय है कि यह शोध जर्नल ऑफ अमेरिकन जराचिकित्सा सोसाइटी की ओर से किया गया था। इसमें मध्यम आयु वर्ग की सेक्स संबंधी हर तरह की दिलचस्पियों को शामिल किया गया था, जिसमें हस्तमैथुन भी शामिल था। शोध के दौरान स्त्रियों का एक बड़ा वर्ग सेक्सुअल एक्टीविटीज में उम्र बढ़ने के साथ ज्यादा सक्रिय होता पाया गया। शोध से यह स्पष्ट नतीजे सामने आए कि किसी भी स्त्री कि सेक्स संबंधी सक्रियता का उसकी उम्र के साथ कोई सीधा रिश्ता नहीं है। बल्कि वह उम्र बढ़ने के साथ सेक्स का ज्यादा आनंद उठा सकती है। शोध कार्य में लगे डाक्टरों की टीम की कुछ सिफारिशों में यह भी शामिल था कि किसी भी स्त्री के सेक्स हेल्थ को उसके पूरे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से अलग रखकर नहीं देखा जा सकता।
कुछ सुझाव
यह पूरा अध्य्यन जर्नल ऑफ अमेरिकन जराचिकित्सा सोसायटी में प्रकाशित हुआ था। इस आधार पर मनोवैज्ञानिकों तथा सेक्स सलाहकारों ने कुछ सुझाव भी रखे हैं।
ध्यान दें आपकी पार्टनर किसी दवा के साइड इफेक्ट की वजह से भी सेक्स में दिलचस्पी खो सकती है। यदि ऐसा है तो डाक्टर की सलाह लें।
कई बार स्त्रियां मानसिक दबाव के चलते भी सेक्स में रुचि नहीं लेती हैं। बच्चों में ज्यादा व्यस्त हो जाने तथा सामाजिक मान्यताओं के चलते उन्हें लगता है सेक्स बहुत दिलचस्पी लेना उचित नहीं। इसके लिए जरूरी है के कपल थोड़ा समय अपने लिए भी निकालें।
कई बार खान-पान संबंधी आदतों का भी सेक्स लाइफ पर असर पड़ता है। कुछ खाने के आइटम व्यक्ति में उत्तेजना को कायम रखते हैं और उनका मूड बनाने में मदद करते हैं। बढ़ती उम्र में खान-पान पर ध्यान देकर सेक्स लाइफ को बेहतर बनाया जा सकता है।
कई बार ऐसा होता है कि बच्चों के बाद महिलाएं अपने शरीर को लेकर असहज हो जाती हैं और हीन भावना का शिकार हो बैठती हैं। इसके चलते भी वे सेक्स से जी चुराने लगती हैं। इसका सबसे बेहतर इलाज है नियमित व्यायाम। इससे न सिर्फ शरीर को खूबसूरत बनाया जा सकता है बल्कि यह मूड बनाने में भी मददगार है।
बढ़ती उम्र में घर-परिवार और बढ़ती कामकाजी जिम्मेदारियों के कारण वे थकने लगती हैं और सेक्स के लिए उनमें पर्याप्त एनर्जी नहीं बचती। इसके लिए जरूरी है कि भागदौड़ के बीच थोड़ा वक्त अपने लिए भी निकाला जाए। किसी भी कपल को चाहिए कि वे खुद के आराम और मनोरंजन के लिए वक्त निकालें।
06 मार्च 2011
स्त्रियों में सेक्स संबंधी उदासीनता
Labels: सेक्स रिलेशन
Posted by Udit bhargava at 3/06/2011 06:37:00 am
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