15 फ़रवरी 2011

शनिदेव इंगित प्रतिकूलता शमन के उपाय


शनिदेव इंगित प्रतिकूलता शमन के उपाय बताने से पहले मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि श्री शनिदेव न तो किसी के अनुकूल होते हैं और न प्रतिकूल। वे तो कर्मफलदाता की भूमिका निभाते हैं और किसी का पक्षपात नहीं करते हैं। शनि अनुकूलन के उपाय का तात्पर्य वैसे शास्त्रोंक्त अनुष्ठानों व शुभ कर्मों से है जिससे पूर्वकृत कर्मों का प्रायश्चित हो जाता है।
  • घर में नीले रंग के वस्त्र, नीले रंग के पर्दे, नीले रंग की चादरें व दीवारों पर भी नीला रंग करें।
  • लगातार 27 शनिवारों को 7 बादाम और 7 उड़द के दाने किसी धर्म स्थान पर रख के आ जायें।
  • मांस-मदिरा से दूर रहें।
  • किसी भी शनिवार को शुरू करके 43 दिनों तक सूर्योदय के समय शनि पर तेल चढ़ाएं।
  • पीपल के वृक्ष को गुरुवार या शनिवार को जल दें। 
  • चांदी का चौकोर टुकड़ा सदा अपने पास रखें।
  • स्नान करते समय पानी में कच्चा दूध डाल कर लकड़ी के पट्टे पर बैठकर नहायें।
  • यदि चन्द्रमा ठीक न हो तो 500 उड़द में सरसों का तेल लगाकर पानी में प्रवाहित करें।
  • चन्द्रमा प्रतिकूल हो तो 500 ग्राम दूध सोमवार के दिन बहते पानी में प्रवाहित करें और शनिवार के दिन उड़द प्रवाहित करें।
  • शनिवार का व्रत रखें और तेल से शनि का अभिषेक करें।
  • किसी गरीब लड़की के विवाह में जलावन के लिए कोयले या ईंधन खरीदकर दें।
  • झूठ न बोलें। शराब व मांसाहार से दूर रहें।
  • रोटी के टुकड़ों पर सरसों का तेल चुपड़कर कौओं या कुत्तो को खिलायें।
  • शनिवार के दिन पत्थर के कोयले लंगर पकाने के लिए किसी धाार्मिक स्थान में दान दें।
  • गौ माता की सेवा करें।
  • केसर का तिलक नियमित करें।
  • लोहे की वस्तुएं यानी तवा, चिमटा, अंगीठी आदि का दान किसी संत या सज्जन पुरुष को करें।
  • यदि कारोबार में घाटा हो रहा हो तो लगातार 43 दिनों तक कौओं या कुत्तों के लिए रोटी डालें।
  • लोहे की बासुरी में खांड भरकर किसी वीरान स्थान में दबा दें।