06 फ़रवरी 2011

आंकड़ों की सच्चाई जानिये

Corporate World में Statistics का उपयोग अत्याधिक है. Smart Manager अपने सुन्दर  Laptop के साथ मीटिंगों में आते हैं और उनकी Screen पर Statistical Charts के माध्यम से अपने डिपार्टमेंट के रिजल्ट्स समझाते हैं.

इसी तरह के प्रत्येक सरकार भी Statistical आंकड़ों के मकडजाल के माध्यम से अपनी Performance जनता के सामने पेश करती है.

हमें बहुत सावधानीपूर्वक इन आकड़ों को स्वीकार करना चाहिए. यदि आप कुछ Simple Tips का इस्तेमाल करें, तो आंकड़ों के पीछे छिपी सच्चाई एकदम से उजागर हो जायेगी. उदहारण के लिये एक कंपनी के मार्केटिंग मैनेजर ने अपने मैनेजिंग डायरेक्टर को सूचित किया कि वर्तमान वर्ष में उनकी कंपनी के उत्पादों की बिक्री पिछले वर्ष के मुकाबले 20 प्रतिशत से बढी है. यह सब कुछ उसका एवं उसकी टीम के कठिन श्रम का नतीजा है. लिहाजा कंपनी को इस परिणाम को लेकर Celebrate करना चाहिए.

यदि आप Corporate World के सधे हुए खिलाड़ी हैं, तो उपरोक्त आंकड़ों को ध्यान से Analyse करें. अपने मैनेजर को शाबाशी देने से पहले यह पूछे कि सम्पूर्ण Industry की Growth क्या है. यानी के अपनी कंपनी और बाजार में मौजूद इसी तरह के उत्पाद बनने वाली कम्पनीयों की बिक्री को जोड़ लिया जाए. तो पिछले वर्ष के मुकाबले इस सम्पूर्ण Industry की Sales में कितनी वृद्धी हुई है. यदि यह वृद्धी 75 प्रतिशत है, तो आपकी कंपनी के लिये यह चिंता का विषय है कि आपकी कंपनी की प्रतिशत वृद्धी मात्रा 20 प्रतिशत क्यों है. इसका दूसरा सीधा सा मतलब यह भी निकलता है कि आपकी प्रतिद्वंदी कंपनी की बिक्री आपके मुकाबले अधिक तेजी से बढी है. जिसके परिणामस्वरूप आपकी कंपनी का मार्केट शेयर काफी कम हो गया है.

ऐसी स्थिति में तो आपकी कंपनी को Celebrate न करके, मैनेजर को Punish करना चाहिए.

इसी तरह से यदि आपको सूचना मिले कि पिछले वर्ष के मुकाबले आपकी कंपनी की Sales कम हो गई है, तो आपको फ़ौरन यह देखना चाहिए कि सम्पूर्ण Industry की Sales कितनी कम हुई है. यदि Industry की Sales अधिक गति या प्रतिशत से कम हुई है, तो आपको मैनेजर को शाबासी देनी चाहिए कि उसके प्रयासों से कंपनी की बिक्री में कम गिरावट आई है.

याद रहे......                                                                                                                        
जब सबको फायदा हो रहा है, तो मेरा फायदा सबसे अधिक होना चाहिए. और यदि सबको नुकसान हो रहा है, तो मेरा नुकसान सबसे कम होना चाहिए.