शिव और विष्णु में कोई भेद नहीं है। वे दोनों तो परस्पर एक-दूसरे के पूरक तत्व हैं। पुराणों के अनुसार जब-जब शिव या विष्णु पर कोई विपत्ति आई है, उन्होंने एक-दूसरे की मदद करने में देर नहीं लगाई है। श्रीरामचरितमानस में भी विष्णु ने कहा है- शिव का द्रोही तो हमारा दास कभी हो ही नहीं सकता और न ही वह मेरी कृपा हासिल कर सकता है।
इसी प्रकार रामेश्वरम में विष्णु के अवतार श्रीरामचंद्र ने शिवलिंग की स्थापना कर शिव के प्रति अपनी अनन्य भक्ति का परिचय दिया। एक और प्रसंग भी मिलता है कि जब शिव की पूजा करते वक्त विष्णु को पुष्प न मिलने पर उन्होंने अपने कमल समान नेत्र चढ़ाकर अपनी पूजा को पूर्ण किया था।
12 जून 2010
विष्णु और शिव में भेद
Labels: देवी-देवता
Posted by Udit bhargava at 6/12/2010 06:38:00 am
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शिव और विष्णु जी में बहुत भेद है । भाई । ये तीनो क्रमशः ब्रह्मा
जवाब देंहटाएंविष्णु महेश ..निरंजन और आध्याशक्ति की संतान हैं । इनमें
शंकर जी सबसे छोटे हैं । दूसरे आपके अनुसार ऐसा लगता
है कि आप राम को विष्णु का अवतार मानते हैं । ये गलत है ।
राम या कृष्ण के रूप में निरंजन का अवतार होता है । और
आध्या शक्ति सीता या राधा के रूप में । इसके प्रमाण हेतु आपको
बहुत से ग्रन्थ देखने की आवश्यकता नहीं है । आप तुलसी
रामायण में ही इसको देख सकते हैं । और अन्य ग्रन्थों में भी
यही लिखा है । जो मैं कह रहा हूँ । पर निसंदेह ये आश्चर्य की
वात है कि जो सच आप ने कहा । वही अधिकांश लोग जानते
हैं । ऐसी जानकारी की कई पोस्टें आप मेरे ब्लाग पर ही पढ
सकते हैं ..।
satguru-satykikhoj.blogspot.com
राजीव जी, आप ने जो कहा वह आप के विचार हैं, परन्तु श्री राम , श्री कृष्ण भगवन विष्णु जी के अवतार हैं अथवा उन्ही के प्रतिनिधि ही हैं इसका प्रमाण श्रीमद भगवत पुराण दशम स्कन्ध उन्यान्यवे अध्याय में भी मिलता हैं जहाँ भगवन स्वयं कहते हैं की हे श्री कृष्ण और अर्जुन तुम दोनों मेरी ही कलाओं के साथ पृथ्वी पर गए हो....धर्मसंस्थापन हेतु......और शीघ्र ही मेरे पास लौट आओगे !! दूसरा जो आपने कहा की तीनो क्रमशः ब्रह्मा
जवाब देंहटाएंविष्णु महेश ..निरंजन और आध्याशक्ति की संतान हैं । मैं सहमत नहीं हूँ वह उनकी संतान नहीं उनका व्यक्त रूप हैं क्रमशः तीन रूपों में......अत्रि मुनि और ब्रह्मा
विष्णु महेश .. संवाद भी देखें!!! धन्यवाद्