04 नवंबर 2009

भारतीय इतिहास – झलकियाँ


  • निस्सन्देह भारत की सभ्यता विश्व के प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है।
  • सिन्धु घाटी में ईसा पूर्व 2300 से 1750 तक जगमगाते रहने वाली उच्च सभ्यता के अवशेष आज भी विद्यमान हैं।
  • ऐसा माना जाता है कि ईसा पूर्व 2000 से 1500 के मध्य इन्डो-यूरोपियन भाषाई परिवार से सम्बन्ध रखने वाले आर्यों ने हिमालय के उत्तर-पश्चिम दर्रों से भारत में प्रवेश किया और सिन्धु घाटी की सभ्यता को नष्ट कर दिया।
  • वे आर्य सिन्धु घाटी एवं पंजाब में बस गये। कालान्तर में वे भारत के पूर्व तथा दक्षिण दिशाओं में स्थित स्थानों में फैल गये।
  • आर्यों ने ही भारतीय सभ्यता से संस्कृत भाषा तथा जाति प्रणाली का परिचय करवाया।
  • ईसा पूर्व छठवीं शताब्दी में उत्तर-भारत फारसी साम्राज्य का अंग बन गया।
  • ईसा पूर्व 326 में मेकेडोनिया के अलेक्जेंडर महान ने फारसियों राज्यों को विजित किया। यद्यपि मेकेडोनियन्स का नियन्त्रण अधिक समय तक नहीं रहा किन्तु उनके अल्पकाल के नियन्त्रण के फलस्वरूप भारत एवं भूमध्यरेखीय देशों के मध्य व्यापारिक सम्बंध अवश्य स्थापित हो गया। रोमन संसार भारत को एक मसालों, औषधियों और कपास के कपड़ों से परिपूर्ण देश के रूप में जानने लगा।
  • मेकेडोनियन शासनकाल के पश्चात् भारत पर मूल राजवंशों और सुदूर पहाड़ों पर बसने वाले जनजातियों का नियन्त्रण हो गया। मूल राजवंशों में मौर्य तथा गुप्त वँश सर्वाधिक प्रसिद्ध हुये।
  • मौर्य साम्राज्य प्रथम सम्राज्य था जिसने लगभग सम्पूर्ण भारत को एक शासन के नियन्त्रण में अधीन बनाया।
  • मौर्य साम्राज्य का काल ईसा पूर्व लगभग 324 से 185 तक रहा।
  • चन्द्रगुप्त मौर्य ने अपने शासनकाल, जो कि ईसा पूर्व लगभग 298 तक चला, में उत्तर-भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अधिकतम स्थानों को अपने साम्राज्य में सम्मिलित कर लिया।
  • चन्द्रगुप्त के पुत्र बिन्दुसार और बिन्दुसार के पुत्र अशोक ने अपने साम्राज्य का विस्तार सुदूर दक्षिण भारत तक कर लिया।
  • पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना) उनकी राजधानी थी।